
मनुष्य को चाहिए सद्भावना जागृत रखना ,
अपने और परायों के दुख का ध्यान रखना ।
जाने कब टूट जाए भ्रम इस जिंदगी का ,
इसलिए हर किसी को अपना बना के रखना ।
अपने प्रेम से लोगों के दिल जीत कर ,
हर किसी को ह्रदय से लगा कर रखना ।
आती है हमेशा बहार के बाद पतझड़ ,
बुरे दिनों के लिए कुछ फूल खिला कर रखना ।
जाने किस भेस में मिल जाए परमात्मा ,
तुम सब के लिए घर - द्वार खुला रखना ।।

Bahut badiya likha hai 👌👌
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धन्यवाद 🙏🙏❤️❤️
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💙💛
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नायब
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शुक्रिया 🌈🌈🤗🤗
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नायाब* 😍😍
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Good lines
Vijay jain
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❤️❤️
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बिल्कुल सही कहा आपने रितु जी।
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आभार 🙏
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👌👌
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🌈👍🌈
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