वैसे तो प्रत्येक दिन बेटियों के लिए खास होता है परंतु आज के दिन की बात ही कुछ और है और आज मेरे लिए ज्यादा खास है क्योंकि आज संयोगवश मेरी बिटिया का जन्म दिवस है । अपनी बिटिया और हर एक बेटी के लिए आज की कविता मां की कलम से।

बेटी है भगवान की भेजी एक प्यार भरी चिट्ठिया ,
बाबुल के आंगन की चिड़िया होती है बिटिया ,
कोई इसके पंख ना काटे ,
कोई इसका प्यार ना बाटे ,
यह तो बस देना है जानती ,
बदले में कभी कुछ नहीं मांगती ,
प्यार का अथाह सागर इसमें है समाया ,
हमेशा खरी उतरी हैं जब भी इसको किसी ने आजमाया ,
गुरु भी बन जाती है सखा भी बन जाती है ,
सासू मां बन समझाती हैं मां बन लाड लड़ाती हैं ,
जाने रीत ये किसने बनाई ,
कि बेटियां तो होती है पराई ,
पराई हो कर भी दो घर संभालती हैं ,
थोड़ा सा प्यार और इज्जत ही मांगती हैं ,
ये ना हो तो संसार रुक जाएगा ,
खुद पर इठलाता मर्द कैसे धरती पर आएगा ,
आज के युग में बेटी और बेटे में कोई फर्क नहीं ,
बेटी बेटे से किसी भी मायने में कम नहीं ,
उड़ने दो इन्हें ना डालो इनके पैरों में बेड़ियां ,
क्योंकि वो घर जन्नत है जहां होती हैं ये परियां ,
हर घर की रौनक होती है बिटिया ,
बाबुल के आंगन की चहचहाती चिड़िया ।।

A very happy birthday to her 💙💙
Bahut h achi kavita likhi hai apne 😊😊
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Thankyou so much for your wishes..❤️❤️
Dil se aabhar🙏🙏
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🤗😊💙
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Beautiful nd very touching poem 😘😘
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❤️❤️🙏🙏
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जन्म दिवस की ढ़ेरों शुभकामनाएं 💕💕
सुंदर रचना 👌
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आपका खूब खूब आभार शुभकामनाओं और कविता पसंद करने के लिए 🙏🙏
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बहुत सुन्दर लिखा है 👌🏼👏😊🌷
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आभार 🙏🙏
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बेटियां हर घर का नूर होती है बेटियां हैं तो घर मे रौनक है बहुत सुन्दर लिखा है
विजय
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🙏🙏❤️❤️
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